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कर्जमाफी के लिए सरकार का नया फॉर्मेट लेकिन पांच लाख किसानों को नहीं मिलेगा इसका फायदा

विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कर्जमाफी की घोषणा की थी।

भाजपा लगातार कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है।

भोपाल. मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी का नया प्रारूप तैयार किया है। इस प्रारूप से प्रदेश के करीब पांच लाख किसानों को कर्जमाफी का फायदा नहीं मिलेगा। नए प्रारूप के अनुसार, प्रदेश में किसानों पर दो लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा कर्ज है तो सरकार उनका कर्ज माफ नहीं करेगी। माना जा रहा है कि ऐसे में पांच लाख किसान कर्जमाफी योजना से बाहर किए जाएंगे। सरकार के नए प्रारूप के अनुसार अब केवल उन्हीं किसानों का कर्ज माफ होगा, जिन पर दो लाख रुपए तक का कर्ज है।

  
गरीबों को मिले फायदा
सरकार का मानना है कि बैंक उन्हीं किसानों को दो लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज देती है जो संपन्न हैं। ऐसे में इस योजना का मकसद गरीब किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्त करना है।
 
चुनाव में की थी कर्जमाफी की घोषणा
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। सरकार बनी तो कर्जमाफी वाले 37 लाख किसानों की सूची तैयार की गई। इसमें ऐसे पांच लाख किसान भी शामिल थे, जिनका कर्ज 2.10 लाख, 2.50 लाख रुपए या उससे ज्यादा है। सरकार ने अब तय किया है कि इनका कर्ज माफ नहीं किया जाएगा।
 
ऐसे समझें कर्जमाफी का पूरा गणित 
कर्जमाफी के नए प्रारूप में तीन चरण हैं। पहले चरण में सरकार 50 हजार तक का कर्ज माफ कर चुकी है। इसमें एनपीए राशि वाली माफी भी शामिल है। सरकार का दावा है कि अभी तक ऐसे 21 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। अब 5 लाख किसानों पर दो लाख से ज्यादा का कर्ज है। इन्हें बाहर करने के बाद 11 लाख किसान माफी के दायरे में आएंगे। दूसरे चरण में इसी साल 6 लाख किसानों का कर्ज माफ होगा। इसमें सहकारी व ग्रामीण विकास बैंक के कर्ज माफ होंगे। तीसरा चरण अगले सत्र से शुरू होगा। इसमें कमर्शियल बैंकों का दो लाख तक का करीब पांच लाख किसानों का कर्ज माफ होगा।
 
 
1. एक लाख तक के कर्ज को इस साल माफ किया जाए। इसके बाद अगले वित्तीय सत्र में बाकी दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी की जाए। (यह मॉडल रिजेक्ट किया गया)
2. 50-50 हजार रुपए की किश्तों में चार चरणों में कर्जमाफी हो। पहला चरण पूरा हो चुका है। इसके बाद तीन चरण और रखे जाएं। (यह मॉडल भी रिजेक्ट किया गया)
3. दूसरे चरण में सहकारी और ग्रामीण विकास बैंक का कर्ज माफ किया जाए। इसके बाद तीसरा चरण कमर्शियल बैंक कर्ज माफी का हो। (यह मॉडल मंजूर किया गया)
 

यूपीए, महाराष्ट्र व उप्र का यही मॉडल
कमल नाथ सरकार ने कर्जमाफी के लिए यूपीए सरकार, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश सरकार के मॉडल को अपनाया है। यूपीए सरकार के समय केंद्र में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने इसी तरह निश्चित राशि तक कर्ज माफी दी थी। यही मॉडल महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश सरकार ने लागू किया।

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