लव जेहाद (Love Jihad) को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में सख्त अध्यादेश लागू होने के बाद अब हरियाणा (Haryana) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी जल्द ही ऐसे कानून बन सकते हैं.
नई दिल्ली: लव जेहाद (love jihad) को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में सख्त अध्यादेश लागू होने के बाद अब हरियाणा (Haryana) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी जल्द ही ऐसे कानून बन सकते हैं. म प्र के ग्रहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने यूपी के अध्यादेश का स्वागत करते हुए जल्द ही अपने प्रदेश में भी ऐसा कानून लाने की घोषणा की है.
मध्य प्रदेश में अगले महीने आ सकता है विधेयक
मध्य प्रदेश सरकार ने इस तरह का कानून लाने पर विचार शुरू कर दिया है. प्रदेश सरकार के गृह और पुलिस मुख्यालय के अधिकारी इस अध्यादेश के प्रावधानों पर मंथन किया इसकेे साथ ही अन्य राज्यों में इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए लागू नियमों का भी अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिसके आधार पर 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधान सभा सत्र में कानून बनाने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा.
*धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को लेकर मंत्रालय में बैठक आयोजित हुई।*
1. बहला-फुसलाकर , धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा।2.धर्मांतरण और धर्मांतरण के पश्चात होने वाले विवाह के 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
3.बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु , काजी , मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा ।
4.धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित , माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।
5.यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा ।
6.जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा ।
7.इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा ।
8.इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्यवाही की जाएगी।
9. प्रकार के धर्मांतरण या विवाह के आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा कि यह कार्य बगैर किसी दबाव के , बगैर किसी धमकी के, बगैर किसी लालच दिए , बगैर बहकाए के किया गया है।
10. इस प्रकार का विवाह शुन्य माना जाएगा।